रक्षाबंधन पर इस बार न ग्रहण की छाया न भद्रा का झंझट

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वाराणसी। भाई-बहन का त्योहार रक्षा बंधन इस बार बेहद खास होगा। इस बार न ग्रहण की छाया है न भद्रा का झंझट है। राखी बांधने के लिए 11 घंटे का शुभ मुहूर्त मिल रहा है। काशी के ज्योतिषियों के अनुसार कई वर्षों बाद ऐसा शुभ संयोग आया है। अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने के लिये हर बहन रक्षा बंधन के दिन का इंतजार करती है। श्रावण मास की पूर्णिमा को यह पर्व मनाया जाता है। इस पर्व को मनाने के पिछे कहानियां हैं। साल में एक बार आने वाले इस त्योहार के दिन भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन लेते हैं। श्री काशी विद्वत परिषद के संगठन मंत्री पं. दीपक मालवीय का कहना है कि पूर्णिमा तिथि 25 अगस्त शनिवार को दोपहर 2ः25 बजे ही लग जाएगी। यह 26 अगस्त शाम 4ः16 बजे तक रहेगी। भद्रा 25 अगस्त को दोपहर 2ः25 से प्रारंभ और देर रात्रि 3ः21 तक होगी। इसलिए 26 अगस्त को प्रातरू काल से दिनभर रक्षाबंधन और ब्राह्मणी का श्रावणी उपाकर्म मनाया जाएगा। रक्षाबंधन का सर्वश्रेष्ठ काल दोपहर 1ः14 बजे से 3ः46 मिनट तक होगा।