वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के समायोजित दर्जनों कर्मचारियों को शासनादेश का लाभ नहीं मिल रहा है। इसे लेकर यहां के कर्मचारियों में रोष है। इस क्रम में कर्मचारी कार्य बहिष्कार कर शनिवार को धरने पर बैठे हैं और अपनी मांगों को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन को जमकर कोसा। धरने पर बैठे कर्मचारियों का कहा कि 1998 में शासन ने विश्वविद्यालय में कार्य कर रहे कर्मचारियों को समायोजित करने के लिए 184 पद दिया था। इसके तहत कई चरणों में कर्मचारियों का समायोजन किया गया। यहां पर शासन के निर्देश पर 45 कर्मचारी नवंबर-2017 में समायोजित किए गए। इन कर्मचारियों को एसीपी का लाभ वर्ष 2010 से दिया गया। इतना ही नहीं इन कर्मचारियों को नई पेंशन योजना में रख दिया गया है। जबकि यह कर्मचारी 1987 से कार्य कर रहे हैं। कर्मचारियों ने कुलसचिव पर शासनादेश की गलत व्याख्या करने का आरोप लगाया है।
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