तंजीम अजाये हुसैन की शब्बेदारी सम्पन्न, लोगों ने किया मातम

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जौनपुर। शामे गरीबां की याद में तन्जीमे अजाये हुसैन की आल इण्डिया कदीम तरही शब्बेदारी इमामबाड़ा कल्लू मरहूम में सम्पन्न हुई। 24 घण्टे तक चलने वाली इस शब्बेदारी में देश की 9 मातमी अंजुमनों सहित शहर की लगभग सभी अंजुमनों ने अपना कलाम पेश करके नौहा व मातम करके कर्बला के शहीदों को नजराने अकीदत पेश किया। आखिरी मजलिस के बाद शबीहे ताबूत अलम व जुलजनाह बरामद हुआ। इसके पहले शब्बेदारी की शुरूआत तिलावते कलाम पाक से हुआ जिसके बाद सोजखानी गौहर अली जैदी के हमनवां ने पढ़ा जबकि पेशखानी शोला जौनपुरी, नजमी जौनपुरी, शाहिद जौनपुरी ने किया। मजलिस को खेताब करते हुये इमाम जुमा जलालपुर मौलाना सईद रजाई ने कहा कि 14 सौ साल से भी अधिक समय हजरत इमाम हुसैन व उनके 71 साथियों की शहादत हो गया है लेकिन आज भी उनका गम सिर्फ इसलिये मनाया जाता है, ताकि दुनिया को यह पैगाम दिया जा सके कि जुल्म के आगे सिर झुकाना नहीं चाहिये। मजलिस के बाद अंजुमन अकबरी अमरोहा, पंजतनी बरेली, जैनुल एबा रायबरेली, हैदरिया अब्दुल्लाहपुर अकबरपुर, करवाने कर्बला वाराणसी, जब्बादिया वाराणसी, अजाये हुसैन सुरौली सुल्तानपुर, पंजतनी शिवपुर सहित शीराज-ए-हिन्द की अंजुमनों ने अपने दर्द भरे नौहे पढ़कर पूरा माहौल गमगीन कर दिया। अलविदाई मजलिस डा. कमर अब्बास ने पढ़ा जिसके बाद शबीहे बरामद हुई। अंत में शब्बेदारी कमेटी के अध्यक्ष शौकत अली, मुन्ना अकेला व तहसीन शाहिद ने सभी के प्रति आभार जताया। इस अवसर पर सकलैन अहमद खान, हसीन मेंहदी, हसीन अहमद, शोएब जैदी, वजीरूल हसन, तनवीर जाफरी, अंजुम सईद सहित अन्य लोग मौजूद रहे।