व्यक्ति के आचरण से ही प्रकट होती है पारिवारिक पृष्ठभूमिः प्रभाकर त्रिपाठी

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मंथनः समाज के लिये हमारी उपादेयता विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित
जौनपुर। सुइथाकला क्षेत्र के तिलक स्मारक इण्टरमीडिएट कालेज अमावां खुर्द ईशापुर में मंथनः समाज के लिये हमारी उपादेयता विषयक एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ। संगोष्ठी में युवा वर्ग को नशा मुक्त करने, प्राथमिक से इण्टर/स्नातक तक की शिक्षा, हमारा भविष्य एवं रोजगार के साधन, परीक्षाओं में नकल के दुष्परिणाम, मानवीय मूल्यों का मानव जीवन में महत्व, शिक्षित बेरोजगार एक जटिल समस्या, डाक विभाग और उसकी योजनाएं, गांव के लिये वरदान कैसे? महिला सशक्तिकरण में पुरुषों का योगदान, युवाओं में नवीन चेतना का विकास एवं प्लास्टिक के प्रयोग के दुष्परिणाम विषय पर वक्ताओं ने अपना विचार व्यक्त किया। इसके पहले वाग्देवी मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण, दीप प्रज्ज्वलन सहित सरस्वती वंदना से संगोष्ठी का शुभारम्भ हुआ। विशिष्ट अतिथि डाक अधीक्षक प्रभाकर त्रिपाठी ने नारी सशक्तिकरण विषय पर चर्चा करते हुये कहा कि व्यक्ति का आचरण एवं संस्कार उसकी पारिवारिक पृष्ठभूमि को प्रकट करता है। मुख्य अतिथि डा. रणजीत सिंह प्रधानाचार्य ने परीक्षा में नकल की प्रवृत्ति को अभिशाप बताते हुये कहा कि नकल से बच्चे आधारहीन हो जाते हैं। इसके अलावा देवेश सिंह प्रबंधक, अमित यादव शोधार्थी इलाहाबाद, सुधीर सिंह, आशुतोष सिंह, कृष्ण कुमार बिन्द, चन्द्रकान्त सिंह, सचिन यादव सहित अन्य वक्ताओं ने अपना विचार व्यक्त किया। वहीं संगोष्ठी की सामाजिक महत्ता विषय पर राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय अजमेर के हिन्दी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. जितेन्द्र सिंह एवं कलकत्ता  आईटी के वरिष्ठ इंजीनियर अजय सिंह ने दूरभाष से अपना विचार प्रकट किया। इसी क्रम में इण्टर कालेज समोधपुर व सूर्यपाल गंगा प्रसाद सिंह पब्लिक स्कूल ईशापुर की छात्रा आस्था पाण्डेय, निहारिका सिंह, आस्था सिंह, रेशमी तिवारी, रूपा सिंह ने अनुपम सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति किया। साथ ही गायक आशीष पाठक अमृत के भक्ति गीत की प्रस्तुति ने लोगों को मंत्र-मुग्ध कर दिया। बतौर संयोजक राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय अजमेर के हिन्दी शोधार्थी सर्वेश मिश्र ने समस्त आगंतुकों का अभिनन्दन करते हुये सभी को अंगवस्त्रम व स्मृति चिह्न भेंट किया। अन्त में कृष्ण कुमार श्रीवास्तव ने समस्त आगंतुकों के प्रति आभार प्रकट किया। संगोष्ठी की अध्यक्षता निवर्तमान प्रधानाचार्य आरपी सिंह व संचालन राहुल प्रताप सिंह ने किया। इस अवसर पर श्याम सुंदर, दया शंकर दुबे, लालजी सिंह, सतीश मिश्रा, महानन्द प्रजापति, संदीप श्रीवास्तव, दिलीप दुबे, राम निहोर, सुशील तिवारी, अभिषेक सिंह, शेखू, सोहन बिन्द, प्रवीण यादव, आशुतोष दुबे, राजेश बिन्द, राम सूरत सिंह, चन्दन के अलावा तमाम लोग उपस्थित रहे।