वाराणसी। भगवान भोलेनाथ के विवाह के बाद अब काशीवासी अब बाबा की रंगभरी एकादशी की तैयारियों में जुट गए है। इस बार रंगभरी एकादशी 26 फरवरी को पड़ रही है। काशीपुराधिपति और मां गौरा के साथ होली खेलने के बाद काशी में होली का हुडदंग शुरू हो जाता है। महाशिवरात्रि से ठीक 14वें दिन पूरे हषोल्लास के साथ यह पर्व मनाया जाएगा। अबीर-गुलाल, ढोल-नगाड़े ,डमरू की थाप और शंखनाद से पूरा रेडजोन परिसर गूंज उठता है। विश्वनाथ मंदिर परिसर की गलियां पूरी तरह से अबीर-गुलाल से पट जाती हैं। बाबा के दर्शन के लिए भारत के कोने-कोने से लोग काशी पहुंचते हैं। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डा. कुलपति तिवारी ने बताया कि गौने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। रजत पालिका की साफ-सफाई शुरू होने के साथ ही बाबा और मां पार्वती के लिए वस्त्र बनने शुरू हो गए हैं। कलाकारों का चयन जल्द ही कर लिया जाएगा।
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